Introduction:
क्या आप एक स्टूडेंट हैं और आप को बेडटाइम स्टोरी पसंद हैं तो ये ब्लॉग आपके लिए हैं। इस ब्लॉग पर आपको कई सारे बढ़िया बढ़िया bedtime stories पढ़ने को मिलेंगी। चलिए शुरू करते हैं।
कहानी 1: शेर और भेड़िया
एक भेड़िया को कई दिनों से मेमने पर नज़र थी कि वो उसे अपना चारा बना सके। उसे देखता तो मुंह में से पानी टपकता। वो कई दिनों से मेमने को चुराने के प्रयास में था।
एक दिन मौका मिल ही गया। एक मेमना चाराग्रह पर चर रहा था। वो चुपचाप से मेमने को उठा कर खुशी से जंगल की ओर चला गया। भेड़िया कल्पना कर रहा था कि ये मेमना कितना स्वादिष्ट होगा। ऐसा कल्पना करते-करते जा रहा था कि अचानक सामने एक शेर आ गया। वो भी अपनी भूख मिटाने के लिए खाने की तलाश में निकला था। शेर ने भेड़िये के मुंह में मेमना को देख लिया और उसने भेड़िये का रास्ता रोक कर उसके मुंह से मेमने को छीनकर वहां से जाने लगा।
जाते वक्त पीछे से भेड़िया चिल्लाया और कहा, "तुम मेमने ऐसे छीनकर नहीं ले जा सकते, ये गलत है। इस मेमने को मैंने पकड़ा था, ये मेरा है।" शेर उसकी बात सुनकर पीछे देखा और बोला, "कौन सा तुम्हारा मेमना है? क्या चार बाहों ने तुम्हें खाने के लिए दिया था? तुम खुद उसे चोरी करके लाए थे, तो ये तुम्हारा मेमना हो गया क्या? चार बाहों से चुराने के बाद ये तुम्हारा हो गया है तो अब मैं तुमसे छीन लिया तो अब ये मेरा है।"
भेड़िया के पास इतनी शक्ति नहीं थी कि वो शेर से छीनकर ले जाए, इसके बाद भेड़िया मुंह लटका कर भाग गया।
इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि गलत तरीके से प्राप्त की गई वस्तु नहीं रहती।
कहानी- 2: मुर्ख कुत्ता
कसाई ने एक कुत्ते को एक हड्डी का टुकड़ा दिया, तो कुत्ते ने हड्डी को मुंह में लेकर चूस-चूस कर खुशी से चलने लगा। वह हड्डी को तब तक चूसने लगा जब तक वह संतुष्ट ना हो जाये ।
जिस रास्ते से वह जा रहा था, उस रास्ते पर एक नदी पड़ी। जब वह नदी के नज़दीक से गुजरा, तो उसकी नज़र पानी में दिखाई दे रही अपनी परछाई पर पड़ी। उसने सोचा कि वह दूसरा कुत्ता है और उसके मुंह में एक हड्डी है। उसके मन में लालच आई और उसने हड्डी को हथियाने का सोचा।
उसे अपनी ताकत पर घमंड था। उसने सोचा कि दूसरे कुत्ते को भौंक कर डरा दूंगा। अगर नहीं डरा, तो में लड़ाई करके उसे हरा कर हड्डी को हथिया लूंगा।
कुछ समय बाद उसने नदी में दिख रही अपनी परछाई पर जोर-जोर से भौंकने लगा। जिस कारण उसकी मुंह से दबाई हुई हड्डी पानी में गिर गई। उसने देखा कि दूसरे कुत्ते के मुंह में भी हड्डी नहीं है। उसे अपनी मूर्खता का अहसास हो गया और वह दुखी होकर वहां से चला गया।
कहानी 3: आलसी गधा
एक व्यापारी ने गधा रखा था। वह गधे के ऊपर सामान रखकर बाजार ले जाता था। एक दिन व्यापारी ने गधे की पीठ पर बड़े-बड़े नमक के बोरे लाद दिए। भारी बोझ से गधे की हालत खराब हो रही थी।
रास्ते में एक नदी पड़ी। नदी के किनारे से जाते वक्त अचानक उसका पैर फिसल गया और सारा नमक पानी में गिर गया और सारा नमक पानी में घुल गया। किसी तरह से उठा तो उसे हल्का महसूस हुआ तो उसे राहत मिली।
व्यापारी ने अगले दिन फिर नमक के बोरे गधे की पीठ पर लाद दिए। जाते वक्त नदी के किनारे गधे ने इस बार जानबूझकर फिसल गया और सारा नमक पानी में घुल गया।
व्यापारी को भनक लग गई थी कि आज यह जानबूझकर फिसला है। व्यापारी के मन में विचार आया कि अगली बार इसे सबक सिखाना है। अगले ही दिन गधे की पीठ पर रुई के बोरे रख दिए।
इस बार जाते बक्त जानबूझकर फिर से फिसला तो इस बार बोझ कम नहीं हुआ। गधे को अपनी ऊपर शर्मिंदगी हुई।
कहानी 4: एक कन्या को मिली बरदान
एक दिन एक कन्या गोल्फ खेल रही थी। जब औरत ने बॉल को मारा, तो बॉल जंगल में चली गई। जब वह बॉल को ढूंढने के लिए गई, तो उसे एक मेंढक मिला। वह मेंढक जाल में फंसा हुआ था। कन्या मेंढक के पास गई, तो मेंढक ने कहा, "अगर तुम मुझे इस जाल से आज़ाद करोगी, तो मैं तुम्हें तीन वरदान दूंगा।"
कन्या ने कहा, "हाँ, ठीक है, मैं तुम्हें आज़ाद कर देती हूँ," और उसने मेंढक को जाल से आज़ाद कर दिया। मेंढक ने बोला, "मुझे आज़ाद करने के लिए शुक्रिया, लेकिन तीन वरदानों में मेरी एक शर्त है। जो तुम मानोगी, तुम्हारे पति को उससे दस गुना मिलेगा।"
कन्या ने कहा, "ठीक है," उसने पहला वरदान मांगा कि वह संसार की सबसे खूबसूरत कन्या बनना चाहती है। मेंढक ने कहा, "क्या तुम्हें पता है कि यह वरदान तुम्हारे पति को संसार का सबसे सुंदर व्यक्ति बना देगा?" औरत बोली, "ठीक है, मैं संसार की सबसे सुंदर कन्या बन जाऊँगी और वह मुझे ही देखेगा!"
मेंढक ने कहा, "तथास्तु।"
अपने दूसरे वरदान में उसने बोला कि वह संसार की सबसे अमीर कन्या बनना चाहती है। मेंढक ने बोला, "यह तुम्हारे पति को पृथ्वी का सबसे अमीर आदमी बना देगा और वह तुमसे ज्यादा अमीर होगा।" मेंढक ने बोला, "यह तुम्हारे पति को पृथ्वी का सबसे अमीर आदमी बना देगा और वह तुमसे ज्यादा अमीर होगा।" कन्या ने कहा, "ठीक है। मेरा सब कुछ उसका है और उसका सब कुछ मेरा है!"
मेंढक ने कहा, "तथास्तु।"
जब मेंढक ने तीसरे वरदान के लिए बोला, तो उसने अपने और अपने अपनों को अच्छा जीवन जीने के लिए अच्छा स्वास्थ्य मांगा।
कहानी 5: ज्ञानी पुरुष और निंदा
एक व्यापारी एक नया व्यापार शुरू करने के लिए जा रहा था। परंतु वह आर्थिक रूप से मजबूत नहीं था, उसके कारण उसे एक निवेशक की जरूरत थी। कुछ दिनों में उसे एक अनजान व्यक्ति मिला और वह हिस्सेदार बनने को राजी हो गया। व्यापारी को उसके बारे में कुछ पता नहीं था। पहले वह हिस्सेदार बनने से डर रहा था, परंतु थोड़ी पूछताछ करने के बाद उसने उस आदमी के बारे में सोचना शुरू कर दिया।
एक-दो दिन बितने के बाद व्यापारी को उसका एक मित्र मिला जो बहुत ज्ञानी आदमी था। हाल-चाल पूछने के बाद व्यापारी ने उस आदमी के बारे में अपने मित्र को बताया और अपना हिस्सेदार बनाने के बारे में पूछा। उसके मित्र को उस पुरुष के बारे में पहले से ही पता था कि वह बहुत फरेब आदमी था, वह लोगों के साथ हिस्सेदारी करता था फिर उन्हें धोका देता था।
क्योंकि उसका मित्र एक ज्ञानी पुरुष था, उसने सोचा कि दूसरों की निंदा नहीं करनी चाहिए और उसने व्यापारी से कहा, "वह एक ऐसा आदमी है जो आसानी से तुम्हारा विश्वास जीत लेगा।" यह सुनने के बाद व्यापारी ने उस व्यक्ति को अपना हिस्सेदार बना दिया। दिनों ने बहुत दिन तक मेहनत की और बाद में जब मुनाफे की बात आई तो वह सब माल लेकर भाग गया। व्यापार बहुत निराश हुआ। वह अपने मित्र से मिला और उसने इस बारे में अपने मित्र को बताया और इस बात पर क्रोधित हुआ। उसके मित्र ने कहा, "मैं बैठा शास्त्र के ज्ञाता में कैसे निंदा करूं। अरे मित्र, तुम्हारे ज्ञान ने तो डुबो दी।"
यह Bedtime Stories For Kids In Hindi ने सिखाया कि यदि आपकी ज्ञान से किसी को ख्याति होती है तो वह ज्ञान किसी काम का नहीं।
कहानी 6: हसमुख सरदार की दिलचप्स कहानी
बहुत समय पहले की बात है। एक बहादुर और साहसी सरदार था, जिसने अपने जीवन में कई लड़ाइयाँ लड़ी थीं और हर बार अपनी असाधारण वीरता और सूझ-बूझ का परिचय दिया था। वह एक कुशल तलवारबाज और शानदार घुड़सवार था, जिसकी बहादुरी के किस्से दूर-दूर तक मशहूर थे। इसके साथ ही, सरदार अपनी सहृदयता के लिए भी जाना जाता था—वह हमेशा जरूरतमंदों की सहायता करता और असहाय लोगों की रक्षा करना अपना कर्तव्य समझता था। लोग उसे दिल से प्यार करते और उसकी अच्छाइयों की सराहना करते, उसके लिए उनके दिल में गहरा सम्मान था।
लेकिन इस बहादुर सरदार के बारे में एक रहस्य था, जिसे किसी ने कभी नहीं जाना था। यहाँ तक कि उसके सबसे करीबी मित्र भी उससे अनजान थे। दरअसल, सरदार पूरी तरह से गंजा था। वह इस बात को बड़े चतुराई से छुपाए रखता था और हमेशा एक ऐसी टोपी पहनता था, जो सिर पर बालों की तरह सटीक ढंग से फिट होती। इससे किसी को ज़रा भी शक नहीं होता कि उसका सिर एकदम गंजा है।
एक दिन, सरदार अपने कुछ मित्रों के साथ शिकार पर निकला। जंगल की पगडंडियों पर वे घोड़े दौड़ा रहे थे, कि तभी एक तेज आंधी चलने लगी। अचानक उस तूफान में सरदार की टोपी उड़ गई और दूर जाकर गिरी। उसके गंजे सिर का रहस्य उजागर हो गया। उसके मित्र उसकी चमकती हुई खोपड़ी देखकर हैरान रह गए। उनके वहम-गुमान में भी नहीं था कि उनका वीर सरदार गंजा है।
थोड़ी देर की चुप्पी के बाद, सब एक साथ ठहाका मारकर हँस पड़े। उनमें से एक बोला, "वाह सरदार! आपका सिर तो सच में अंडे की तरह सफाचट है। आपने तो हमेशा हमें धोखे में रखा!"
सरदार ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "हाँ, मैंने हमेशा अपने गंजेपन को छुपाने की कोशिश की, पर मुझे पता था कि एक न एक दिन ये सच सामने आएगा। जब मेरे अपने बालों ने मेरा साथ नहीं दिया, तो भला ये राज़ कब तक छुपा रहता?" यह कहते हुए सरदार खुद भी जोर से हँस पड़ा।
सरदार की सच्चाई और बेबाकी देखकर उसके मित्रों ने हँसी को छोड़ दिया और उसके व्यक्तित्व के प्रति और भी अधिक सम्मान महसूस किया। उन्होंने कहा, "सरदार, आप न केवल बहादुर हैं बल्कि दिलदार भी हैं।"
Conclusion: बच्चों की रात की कहानी में क्या सिखने को मिला, जो सायं पर हसस्ते हैं, उन पर कोई नहीं हंसता।
कहानी 7: कंजूस आदमी का सोना
एक गांव में एक कंजूस आदमी रहता था। वो जितना अमीर था, उतना ही कंजूस भी था। अपनी धन को सुरक्षित रखने के लिए अजब तरीका सोचा। वो धन से सोना खरीदता और उसे गलाकर उसके गोले बनाकर अपने जमीन के एक पेड़ के नीचे छुपा देता था।
रोज़ जमीन के पास जाना और गड्ढे खोदकर सोने के गोले की गिनती करना उसका कार्य था।
एक दिन, कंजूस आदमी सोना निकाल रहा था तो उसे एक चोर ने देख लिया।
जैसे ही कंजूस आदमी गया, चोर गड्ढे के पास गया और उसमें से सोना निकालकर भाग गया।
अगले दिन कंजूस आदमी गड्ढे के पास गया तो सोने के गोले नहीं थे, तो उसने रोना शुरू कर दिया। उसके रोने की आवाज़ वहां गुजरते हुए एक राहगीर के कानों में सुनाई दी, तो वो रुक गया।
उसने कंजूस आदमी से पूछा, "तुम क्यों रो रहे हो?" कंजूस आदमी ने जवाब दिया, "कोई मेरा सोना लेकर भाग गया, अब मैं क्या करूं?"
राहगीर आश्चर्यचकित हो गया, और बोला, "सोना किसने चुराया?"
कंजूस आदमी ने कहा, "पता नहीं किसने और कब मेरा सोना चुरा कर भाग गया। मैं जब यहाँ पहुँचा, तो सारा सोना गायब था।" बिलखते हुए बोला, "गड्ढे से सोना ले गया? तुम ये सोना यहाँ इस गड्ढे पर क्यों रखते हो? अपने घर पर क्यों नहीं रखते?" राहगीर ने कहा, "वहाँ जरूरत पड़ने पर तुम आसानी से इस्तेमाल कर सकते हो।"
कंजूस आदमी ने कहा, "मैं सोने को कभी हाथ नहीं लगाता, मैं उसे सहेजकर रखता हूँ।"
ये बात सुनकर राहगीर कुछ कंकड़ उठाए और गड्ढे में डालकर बोला, "यदि ये बात है, तो इस कंकड़ को इस गड्ढे में डालकर उसे ढक दो, और कल्पना करो कि यही तुम्हारा सोना है। क्योंकि इनमें और तुम्हारे सोने में कोई अंतर नहीं। तुमने कभी उपयोग किया नहीं, और करने वाले थे। उस सोने का कोई काम नहीं।"
Conclusion: इस बेडटाइम स्टोरी फॉर किड्स इन हिंदी में क्या जानने को मिला, जिस धन का कोई उपयोग नहीं, तो उसका कोई मोल नहीं
कहानी 8: मुर्गा और कुत्ता
एक मुर्गा एक जंगल में जा रहा था। रास्ते में उसे एक कुत्ता मिला। दोनों अच्छे मित्र बन गए। दोनों ने एक साथ घूमने का फैसला किया। वे लगातार रात होने तक घूमते रहे।
रात में मुर्गा पेड़ के ऊपर और कुत्ता पेड़ के नीचे सो गया। मुर्गा सुबह उठकर बांग देने लगा। एक लोमड़ी ने उसकी बांग सुनी तो वह वहां आ गई और कहा, "प्यारे मुर्गे! तुम्हारी आवाज तो बहुत मीठी है।
नीचे आओ, मैं तुम्हें बधाई देना चाहती हूँ।" मुर्गे ने कहा, "मुझे माफ करो, मैं नहीं आ सकती। इस होटल को डरकर सो रहा है। जब वह उठेगा तब मैं नीचे आ सकती हूँ।"
दुष्ट लोमड़ी ने कहा, "मैं उसे जगा देती हूँ।" तभी कुत्ता जाग गया और लोमड़ी को देखकर जोर-जोर से उस पर भौंकने लगा। यह देखकर लोमड़ी वहां से चली गई और इस bedtime stories for kids in hindi में कुत्ते और मुर्गे ने फिर से खुशी-खुशी यात्रा आरंभ कर दी और वहां से चले गए।